भारतीय अमेरिकन लोग:
सर्वे डेटा का एक स्नैपशॉट
These data snapshots are drawn from Pew Research Center’s in-depth research portfolio on Asian Americans. To learn more, visit our Asian Americans topic page.
यू.एस. सेंसस ब्यूरो (U.S. Census Bureau) से प्राप्त डेटा के अनुसार 2022 में यूनाइटेड स्टेट्स में लगभग 4.8 मिलियन भारतीय अमेरिकन लोग थे, जो कि देश की समग्र एशियन अमेरिकन आबादी का लगभग 20% है।
लगभग दो तिहाई भारतीय अमेरिकन लोग (66%) आप्रवासी हैं, जब कि 34% यू.एस. में जन्मे हैं। और लगभग आधे भारतीय अमेरिकन केवल चार राज्यों में रहते हैं: कैलिफ़ोर्निया (20%), टैक्सस (12%), न्यूजर्सी (9%) और न्यूयॉर्क (7%)।
2022 में भारतीय अमेरिकन परिवारों में मध्यस्थ (मीडियन) आय $145,000 थी, यानी कि जिस परिवार में कोई भारतीय अमेरिकन व्यक्ति मुखिया हो, उसमें से आधे उससे ज्यादा कमाते थे और आधे उससे कम। यह समग्र तौर पर एशियन अमेरिकन लोगों की औसत पारिवारिक आय ($100,000) से अधिक है।
यहाँ पर कई विविध विषयों पर भारतीय अमेरिकन लोगों की राय पर एक नज़र डाली गई है, जिसमें वे अपनी खुद की पहचान के बारे में कैसे सोचते हैं, यू.एस. और भारत के बारे में उनकी क्या राय है, और वे अमेरिकी स्वप्न को हासिल करने के बारे में क्या सोचते हैं, शामिल हैं।
ये निष्कर्ष 2022 और 2023 में यू.एस. में 7,006 एशियाई वयस्कों पर प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) द्वारा किए गए प्रतिनिधि सर्वे पर आधारित हैं – जिसमें 897 भारतीय अमेरिकन लोग थे।
पहचान
भारतीय अमेरिकन लोग अपनी पहचान का अनेक तरीकों से वर्णन करते हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है कि वे सब से अक्सर खुद का वर्णन या तो “भारतीय” (41%) के रूप में करते हैं या फिर “भारतीय अमेरिकन” (21%) के रूप में। अन्य 10% आम तौर पर खुद को “अमेरिकन” बुलाते हैं, 15% खुद को “एशियन” या “एशियन अमेरिकन” कहते हैं, और 9% कहते हैं कि वे सब से अक्सर अपनी पहचान का वर्णन “साउथ एशियन” (दक्षिण एशियाई) के रूप में करते हैं।
देश के छह सब से बड़े एशियाई मूल के समहूों में से, भारतीय वयस्क यह कहें इसकी सब से ज्यादा संभावना है कि वे आम तौर पर खुद का वर्णन केवल अपने मूलवंश से करते हैं, और उसमें “अमेरिकन” नहीं जोड़ते हैं। भारतीय अमेरिकन समूह अन्य बड़े एशियाई मूल के समूहों की तुलना में साउथ एशियन लोगों को एशियन मानें इसकी भी अधिक संभावना है। 91% का ऐसा कहना है। कुल एशियन अमेरिकन लोगों में से 67% इस राय से सहमत हैं।
पाँच में से एक भारतीय अमेरिकन का कहना है कि उन्होंने एशियन न हों ऐसे लोगों से अपनी विरासत के एक हिस्से को छुपाया है – जैसे कि सांस्कृतिक या धार्मिक रीति-रिवाज़।
यू.एस. और भारत के बारे में दृष्टिकोण
भारतीय अमेरिकन लोगों में से विस्तृत बहुमत (86%) का यू.एस. के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण है, जिसमें 56% शामिल हैं जिनका बहुत अनुकूल दृष्टिकोण भी है। भारतीय अमेरिकनों की अपने पूर्वजों के देश के बारे में भी ज़्यादातर सकारात्मक राय है: 76% लोग भारत को अनुकूल दृष्टि से देखते हैं, जिसमें वे 51% शामिल हैं, जो उसे बहुत अनुकूल दृष्टि से देखते हैं।
फिर भी, यू.एस में मौजूद अधिकतर भारतीय वयस्कों का कहना है कि वे भारत में हमेशा के लिए रहने नहीं जाएंगे। लगभग दो तिहाई (65%) लोगों का यह कहना है, जबकि 33% का कहना है कि वे वहाँ रहने चले जाएंगे। जो भारत में रहने जाएंगे, उनमें से लगभग आधे (52%) का कहना है कि वे ऐसा करेंगेइसका मुख्य कारण यह है कि वे अपने परिवार के नज़दीक हो पाएंगे।
अमेरिकी स्वप्न को हासिल करना
ज्यादातर भारतीय अमेरिकन लोगों को लगता है कि वे या तो अपने अमेरिकी स्वप्न को हासिल करने के पथ पर हैं (48%) या उसे पहले ही हासिल कर चुके हैं (27%)। तथापि, 23% का कहना है कि वे अमेरिकी स्वप्न को हासिल नहीं कर सकते हैं।
राजनीति
भारतीय अमेरिकन पंजीकृत मतदाताओं का बहुमत, 68% डैमोक्रेटिक पार्टी को समर्थन देते हैं या उसके पक्ष में हैं, और 29% रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन देते हैं या उसके पक्ष में हैं। समग्र पंजीकृत एशियन अमेरिकन मतदाताओं में से, 62% डैमोक्रेटिक हैं या डैमोक्रेटिक के पक्ष में हैं और 34% रिपब्लिकिन हैं या GOP के पक्ष में हैं।
यू.एस. सेंसस ब्यूरो (U.S. Census Bureau) के डेटा के अनुसार सभी भारतीय अमेरिकन लोगों का लगभग 46% – 2.2 मिलियन – 2022 में मतदान के लिए पात्र थे। इसका मतलब है कि वे कम से कम 18 साल के थे और जन्म या नैचुरलाइज़ेशन के द्वारा यू.एस. के नागरिक थे। मतदान करने के लिए पात्र भारतीय अमेरिकनों का हिस्सा देश के अन्य बड़े एशयिन अमेरिकन मूल के समूहों से थोड़ा कम है, आंशिक रूप से इसलिए, कि इसकी अधिक संभावना है कि वे प्रवासी यानी इमिग्रेंट हैं और हो सकता है कि उनके पास यू.एस. की सिटिज़नशिप न हो।
धर्म
लगभग आधे भारतीय अमेरिकन लोग (48%) खुद की पहचान हिंदू के रूप में करते हैं। कुल मिलाकर, दो तिहाई भारतीय अमेरिकन लोगों का कहना है कि या तो वे हिंदू हैं, या फिर किसी अन्य धर्म से अपनी पहचान करते हैं, लेकिन अन्य कारणों, जैसे कि पारिवारिक पार्श्वभूमि या संस्कृति जैसे अन्य कारणों से हिंदू धर्म से करीब से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
भारतीय अमेरिकन लोगों में से अन्य 15% खुद की पहचान इसाई के रूप में करते हैं, 15% धार्मिक रूप से किसी समूह से नहीं जुड़े हैं और 8% मुस्लिम हैं; 11% किसी अन्य धर्म से खुद की पहचान करते हैं।
फोटग्राफर एन्थनी बेहर/सीपा AP Images द्वारा
यू.एस. में छह सब से बड़े एशियन मूल समूहों सहित एशियन अमेरिकन लोगों की पहचानों, दृष्टिकोणों, रवैयों और अनुभवों को जानने वाली एक सात भागों वाली श्रेणी का यह विश्लेषण एक है। इन विश्लेषणों में, एशियन अमेरिकन लोगों में वे लोग शामिल हैं जो या तो अकेले, या फिर अन्य जातियों या हिस्पैनिक मूल के संयोजन में एशियन के रूप में खुद की पहचान करते हैं।
इस श्रेणी में जिन पर ध्यान केन्द्रित किया गया है उन छह एशियन मूल वाले समूहों – चीनी, फिलिपीनो, भारतीय, जापानी, कोरियाई और वियतनामी अमेरिकन – में वे शामिल हैं जो केवल एक एशियाई पहचान से खुद की पहचान करते हैं, या तो अकेले या फिर किसी गैर-एशियाई जाती या मूल वंश के साथ संयोजन में। इस सीरीज़ में, चीनी वयस्कों में खुद को ताइवानीज़ के रूप में पहचानने वाले लोग शामिल नहीं हैं। एशियाई मूल वाले समूहों के रवैयों और विशेषताओं के बारे में अध्ययन करने वाले अन्य प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) विश्लेषण अलग परिभाषाओं को इस्तेमाल कर सकते हैं, और इसलिए हो सकता है, कि उनकी सीधी तुलना न की जा सके।
यह विश्लेषण दो डेटा स्रोतों पर आधारित है। पहला है प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) का एशियाई अमेरिकन वयस्कों का 2022-23 का सर्वे, जो कि जुलाई 2022 से जनवरी 2023 तक 7,006 उत्तरदाताओं में छह भाषाओं में किया गया था। सेंटर ने यू.एस. के एशियाई जनसमूह की विविधता को समझने के लिए एक बड़े नमूने को शामिल किया है, जिसमें चीनी, फिलिपीनो, भारतीय, कोरियाई और वियतनामी जनसमूह के ओवरसैम्पल थे। एशियन अमेरिकनों में ये पाँच सब से बड़े मूल समूह हैं। सर्वे में स्वयं पहचान किए हुए जापानी वयस्कों का भी पर्याप्त बड़ा नमूना शामिल है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बारे में कुछ निष्कर्षों की रिपोर्ट संभव हो। अधिक विवरण के लिए कार्य पद्धति पढ़ें।
डेटा का दूसरा स्रोत यू.एस. सेंसस ब्यूरो (U.S. Census Bureau) का 2022 का अमेरिकन समुदाय सर्वे (ACS) है जिसे मिनीसोटा यूनिवर्सिटी (University of Minnesota) से समेकित सार्वजनिक उपयोग माइक्रोडेटा सेवा (इन्टिग्रेटेड पब्लिक यूज़ माइक्रोडेटा सीरीज़ – IPUMS) के द्वारा उपलब्ध कराया गया है।
प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) अपने प्रमुख निधियनकर्ता, दि प्यू चैरिटेबल ट्रस्ट्स (The Pew Charitable Trusts) के अधीन है। सेंटर के एशियन अमेरिकन पोर्टफोलियो का निधियन दि प्यू चैरिटेबल ट्रस्ट्स (The Pew Charitable Trusts) के द्वारा किया गया था, और साथ ही The Asian American Foundation; Chan Zuckerberg Initiative DAF, Silicon Valley Community Foundation का एक एडवाइज़्ड फंड; Robert Wood Johnson Foundation; Henry Luce Foundation; Doris Duke Foundation; Wallace H. Coulter Foundation; Dirk and Charlene Kabcenell Foundation; Long Family Foundation; Lu-Hebert Fund; Gee Family Foundation; Joseph Cotchett; Julian Abdey and Sabrina Moyle Charitable Fund; और Nanci Nishimura का उदार समर्थन भी उपलब्ध था।
हम लीडर्स फोरम (Leaders Forum) का भी उसके विचारपूर्ण नेतृत्व और इस सर्वे को संभव बनाने में बहुमूल्य सहायता के लिए आभार प्रकट करना चाहेंगे।
रीसर्च को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल किये गए व्यूहरचनात्मक संचार अभियान को डोरिस ड्यूक फाउंडेशन (Doris Duke Foundation) के उदार समर्थन ने संभव बनाया।